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बलिया में SDM और CO के सामने युवक को मारी गोली, BJP नेता पर हत्या का आरोप।। एसडीएम और सीओ समेत कई पुलिसकर्मियों निलंबित।

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घटनास्थल पर जानकारी लेते पुलिस अधिकारी


बलिया में SDM  और CO के सामने युवक को मारी गोली, BJP नेता पर हत्या का आरोप।


उत्तर प्रदेश:  बलिया ज़िले के दुर्जनपुर गांव में राशन के कोटे के चयन को लेकर चल रही बैठक के दौरान एक पक्ष के लोगों ने अचानक गोलियां बरसानी शुरू कर दीं जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। 5 घायलों की स्थिति काफ़ी गंभीर बताई जा रही है। जिस वक़्त यह घटना हुई, उस वक़्त एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत कई बड़े अधिकारी भी वहां मौजूद थे।


बाद में मृतक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया है।


वहीं राज्य सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए रेवती थाना क्षेत्र के एसडीएम और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत कई पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है।


बलिया के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि, "दुर्जनपुर गांव में सरकारी कोटे की दुकान की चयन प्रक्रिया चल रही थी। दो सहायता समूह के लोग इसमें थे। एक का समर्थन धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ डब्लू कर रहे थे। दोनों के बीच पहले कहासुनी हुई। जब हंगामा बढ़ने लगा तो एसडीएम ने चयन प्रक्रिया को स्थगित कर दिया।"


"जब लोग वापस जाने लगे तो धीरेंद्र प्रताप सिंह ने फ़ायरिंग की जिसमें जयप्रकाश उर्फ़ गामा पाल को गोली लगी। अस्पताल ले जाते वक़्त उनकी मौत हो गई। घटना से संबंधित समस्त तथ्यों की जानकारी ली जा रही है उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।"



एसपी देवेंद्र नाथ के मुताबिक़, दुर्जनपुर पंचायत भवन पर बिना आधार कार्ड के पहुंचे लोग दुकान आवंटन के लिए वोटिंग करना चाहते थे। विवाद बढ़ने की वजह यही थी जिसके कारण एसडीएम ने चयन प्रक्रिया स्थगित कर दी।चयन प्रक्रिया स्थगित होने की ख़बर के बाद दोनों ही पक्षों में विवाद और बढ़ गया, पथराव भी होने लगा और इसी बीच धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गोली चलानी शुरू कर दी।


प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस वक्त गोली चल रही थी, एसडीएम, सीओ और अन्य अधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस वाले भी मौजूद थे। गोलीबारी से पहले दोनों पक्षों के बीच ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे भी चले जिसमें छह लोग घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़, इन सबके बावजूद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना घट गई।


बतादें कि मामले में राज्य सरकार ने घटना का संज्ञान लेते हुए एसडीएम और सीओ को निलंबित करते हुए उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आरोपी के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं।



एक प्रत्यक्षदर्शी दिनेश सिंह के मुताबिक, "पंचायत भवन के बाहर टेंट लगाकर हनुमानगंज और दुर्जनपुर गांव की कोटे की दुकानों के चयन के लिए दोपहर साढ़े तीन बजे खुली बैठक की जा रही थी। दुकानों के लिए चार महिला समूहों ने आवेदन किया था लेकिन बाद में दो समूहों के बीच मतदान की नौबत आ गई।"


"इस पर एसडीएम सुरेश कुमार पाल और सीओ चंद्रकेश सिंह ने व्यवस्था बनाई कि जिसके पास आधार कार्ड होगा, वही वोट कर पाएगा. एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे, जबकि दूसरे पक्ष के लोगों के पास आधार कार्ड नहीं था। इसी बात पर हंगामा हो गया।"



मुख्य अभियुक्त धीरेंद्र प्रताप सिंह बीजेपी के नेता और स्थानीय विधायक सुरेंद्र सिंह के क़रीबी बताए जा रहे हैं। हालाँकि सुरेंद्र सिंह ने इस बात से इनकार किया है और घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा देने की माँग की है। सुरेंद्र सिंह कहते हैं, "गोली चलने से पहले भी वहाँ अफ़सरों की मौजूदगी में ईंट-पत्थर चले हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यह घटना. जो भी दोषी होंगे उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी। ज़िम्मेदार अफ़सरों पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है।"


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