कैग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, देश के इन पेट्रोल पंप पर ग्राहकों से वसूले गए एक्स्ट्रा पैसे।
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| सांकेतिक चित्र |
कैग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, देश के इन पेट्रोल पंप पर ग्राहकों से वसूले गए एक्स्ट्रा पैसे।
कैग (CAG) की ओर से किए गए पेट्रोलियम कंपनियों की ऑडिट (AUDIT) में यह बात सामने आई है कि देश के कई पेट्रोल पंपो पर नियमों का पालन नहीं होता है नियमों का पालन। इन पंपो पर ग्राहकों से अतिरिक्त पैसा वसूला जाता है। कैग (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) के मुताबिक देश के 188 पेट्रोल पंप में 91 ऐसे पेट्रोल पंप पाए गए है। जहां करीब 3,463 बार नियमों की अनदेखी की गई है और ग्राहकों से एक्सट्रा पैसे वसूले गए हैं।
बतादें कि जिन 91 पेट्रोल पंप पर नियमों की अनदेखी हुई है उनमें 40 इंडियन ऑयल (Indian Oil), 35 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) और 16 भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) के पेट्रोल पंप शामिल है। कैग (CAG) के एपेक्स ऑडिटर के मुताबिक इन पेट्रोल पंप्स पर 6 बजे ग्राहकों से बदले हुए रेट नहीं बल्कि पुराने रेट ही वसूले गए है। दरअसल हर सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल की कीमतें चेंज होती हैं। लेकिन इन पंप्स पर लोगों से पुराने रेट ही वसूले गए हैं।
कैग (CAG) की रिपोर्ट में कई पेट्रोल पंप्स के डेली प्राइसिंग के नियम को लेकर खामियां पाई गई है। कैग (CAG) के मुताबिक इन कंपनियों ने ग्राहकों से ओवरटचार्जिंग की है। (CAG) की रिपोर्ट में कहा गया है कि डेली प्राइस में बदलाव मैनुअली सुबह 6 बजे से पहले 587 मिनट की रेंज में किया गया, जबकि 1078 मिनट की रेंज में सुबह 6 बजे के बाद किया गया। ऐसे में ग्राहकों से ज्यादा रेट वसूले गए हैं।
जानकारी के अनुसार कैग(CAG) की यह रिपोर्ट तेल कंपनियों के एक साल के डाटा रिव्यू करने के आधार पर तैयार की गई है। तेल कंपनियों का 16 जून 2017 से 30 जून 2018 तक के डाटा रिव्यू में यह जानकारी पाई गई कि तेल कंपनियां कीमतों को बदलने में सुबह के समय मुस्तैदी नहीं दिखाती हैं। इस दौरान ऐसी 95 घटनाएं दर्ज की गईं जब डीलर्स की ओर से तेल की कीमतें किसी दिन के लिए बढ़ा दी गईं और ग्राहक से ओवरचार्ज किया गया।
हालांकि कैग की ऑडिट रिपोर्ट पर तेल कंपनियों ने तकनीकी कारणों का हवाला दिया है। कंपनियों का कहना है कि कीमतें बदलने के लिए बड़ी संख्या में डिस्पेंसिंग यूनिट का इस्तेमाल होता है, कनेक्टिविटी की दिक्कतें भी आतीं हैं, रीटेल आउटलेट्स में शिफ्ट्स में काम होता है, प्रिंटर की रिपेयरिंग और आउटलेट का ऑटोमेशन जैसी प्रैक्टिकल दिक्कतें पेश आती हैं। इन सबके कारण सुबह के समय कई बार ऐसी समस्या आ जाती है। तेल कंपनियों के कैग के रिपोर्ट को स्वीकार किया है और माना है कि तकनीकी कारणों से ऐसी दिक्कतें हुई है।

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