LAC पर चीनी सैनिकों से झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, कई चीनी सैनिकों की भी मारे जाने की खबर !
पूर्व नियोजित तरीके से PLA ने प्वाइंट पीपी 14 पर मचाया उपद्रव, हिंसक झड़प में चीनी सेना को भी हुआ खासा नुक़सान !
भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प को लेकर मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 15 जून की देर शाम और रात को यथा-स्थिति में परिवर्तन करने के चीन की ओर से किए गए एक-तरफा प्रयास के चलते हिंसक झड़प हुई। LAC की झड़प में भारत के कम से कम 20 सैनिक शहीद हो गए हैं।
मंगलवार रात भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की। इंडिया आर्मी के बयान में बताया कि 5-6 जून की दरमियानी रात भारत-चीन की झड़प हुई थी। लाइन ऑफ ड्यूटी पर 17 भारतीय टुकड़ियां जख्मी हुई| सब-जीरो टेंप्रेचर (बेहद ठंडे) वाले इलाके में हमारे जवान देश के लिए शहीद हुए जिनकी संख्या 20 है। भारतीय सेना अपने देश की अखंडता और संप्रभुता को सुरक्षित रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
And exposed to sub-zero temperatures in the high altitude terrain have succumbed to their injuries, taking the total that were killed in action to 20. Indian Army is firmly committed to protect the territorial integrity and sovereignty of the nation: Indian Army (2/2) https://t.co/5duc0Jlfwb
— ANI (@ANI) June 16, 2020
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने यह भी बताया है कि चीन को भी इस मर झड़प में नुकसान हुआ है। पीएलए के 43 सैनिकों को क्षति पहुंची है। इनमें कुछ मारे गए हैं, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को यह भी बताया कि एलएसी के आसपास चीनी चॉपर्स की गतिविधि अधिक दिखी।
Increase in Chinese chopper activity observed across the LAC to airlift casualties suffered by them during face-off with Indian troops in Galwan valley: Sources to ANI https://t.co/uMExblXYxq
— ANI (@ANI) June 16, 2020
माना जा रहा है कि भारत के साथ हुई खूनी झड़प में पीएलए के जो सैनिक मारे गए या जख्मी हुए, उन्हें एयरलिफ्ट करने के लिए ये हेलीकॉप्टर्स आए थे। इससे पहले, भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प को लेकर मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 15 जून की देर शाम और रात को यथा-स्थिति में परिवर्तन करने के चीन की ओर से किए गए एक-तरफा प्रयास के चलते हिंसक झड़प हुई। पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव कम करने के भारत और चीन राजनयिक और सैन्य स्तर पर चर्चा कर रहे हैं।
भारत और चीन के बीच एलएसी को लेकर हुई हिंसक झड़प के मुद्दे पर दिल्ली के सियासी गलियारों में मंगलवार को माहौल गर्म रहा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवने की बैठक ली। यह दिन में इनकी दूसरी समीक्षा बैठक थी।
वहीं, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के डायरेक्टर एसएस देसवाल गृह मंत्रालय एक बैठक के लिए बुलाए गए। इसी बीच, एलएसी विवाद को लेकर भारत-चीन में हिंसक झड़प के बाद मंगलवार शाम को चीनी मीडिया ने बड़ा दावा किया था। वहां के मीडिया के हवाले से कहा, "भारतीय सेना ने गालवान घाटी में फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया है और हमला बोला है।" इसी बीच, कांग्रेस ने घटना को 'अस्वीकार्य' करार देते हुए मंगलवार को सरकार से आग्रह किया कि इस मामले पर देश को विश्वास में लिया जाए और सभी राजनीतिक दलों को जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी जाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, "यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। सरकार को तत्काल देश को विश्वास में लेना चाहिए।" उन्होंने कहा, " संसदीय लोकतंत्र में सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह राजनीतिक दलों को जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दे।"
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