अभिनेता सोनू सूद के काम से इस नेता को हुई दिक्कत !
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फाइल फोटो - सोनू सूद |
अभिनेता सोनू सूद के काम से इस नेता को हुई दिक्कत!
अभिनेता सोनू सूद, जिन्हें सड़क पर पैदल चलते श्रमिकों का दर्द सहा नहीं गया तो उन्हें बसों से घर पहुंचाने में लग गए। एक-दो बसें भेजीं तो जानेवालों की लाइन लग गई। इस पुण्य कार्य में सोनू को सहयोग करनेवाले भी आगे आने लगे। ऐसा होता भी है। शिरडी के साईंबाबा एवं तिरुपति बालाजी की हुंडी में लोग इसी भरोसे पर करोड़ों रुपये का दान बिना किसी को बताए डालकर चले जाते हैं कि इसका उपयोग सही कार्य में होगा। वे साईंबाबा के भंडारे में हजारों लोगों को भोजन करते देखते हैं। वहां के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में लोगों का सस्ते में इलाज होते देखते हैं।
सोनू सूद को भी अच्छा काम करते देख कुछ लोगों ने ऐसी मदद की होगी। लेकिन अब उनके द्वारा किया गया काम और उन्हें इस पुण्य कार्य में मिली मदद कुछ लोगों की आंख की किरकिरी बन गई है। राज्य में सत्तारूढ़ दल के एक सांसद को उनके द्वारा किया गया यह कार्य रास नहीं आया। श्रमिकों को सुरक्षित घर भेजने का जो काम सरकार खुद ठीक से नहीं कर पाई हो, उसे एक अभिनेता भला कैसे कर सकता है! सांसद महोदय को सोनू सूद का यह सेवाकार्य इतना बुरा नहीं लगा, जितना कि उनका राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से जाकर मिलना। वह भी मुख्यमंत्री के निजी आवास 'मातोश्री' को नजरंदाज करके।
दरअसल सोनू सूद अपने इसी सेवाकार्य के बीच एक दिन राजभवन जाकर राज्यपाल से मिल आए थे। राज्यपाल ने उन्हें हर प्रकार से मदद का आश्वासन भी दिया था। चूंकि राज्यपाल खुद पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ दलों के निशाने पर चल रहे हैं, इसलिए उनसे सोनू सूद का मिलना भी शिवसेना सांसद संजय राउत को रास नहीं आया। फलस्वरूप शिवसेना मुखपत्र 'सामना' के अपने साप्ताहिक स्तंभ में वह सोनू सूद पर जमकर बरसे। उन्होंने लिखा, 'सोनू सूद कोई देवदूत नहीं है। यह सिर्फ प्रचार माध्यमों का खेल है। सोनू सूद के माध्यम से महाराष्ट्र का एक राजनीतिक घटक ठाकरे सरकार के अपयश का प्रयत्न कर रहा है।' संभवत: यह लिखते हुए राउत का इशारा भाजपा की ओर रहा होगा, क्योंकि राज्य में सक्रिय बाकी दो बड़े राजनीतिक दल तो महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ ही हैं। राउत ने लिखा कि इस संकट के समय में हमें विमान नहीं मिल रहा है। इन्हें कहां से मिल गया? जाहिर है सोनू के सूद के पीछे कोई और भी है। उन्होंने यह कहते हुए राज्यपाल पर भी निशाना साधा कि हमारे डॉक्टर, नर्स, पुलिस सभी काम कर रहे हैं। उन्हें तो कोई चाय पीने के लिए नहीं बुलाता।
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