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DIG और रिटायर्ड सिपाही में इनोवा खरीद पर विवाद, एक ने लिखवाई FIR तो दूसरे ने दी तहरीर।

DIG और रिटायर्ड सिपाही में इनोवा खरीद पर विवाद, एक ने लिखवाई FIR तो दूसरे ने दी तहरीर।
सांकेतिक तस्वीर

बरेली: DIG और रिटायर्ड सिपाही में इनोवा खरीद पर विवाद, एक ने लिखवाई FIR तो दूसरे ने दी तहरीर।

दरअसल लॉकडाउन (Lockdown) से पहले 5 लाख रुपये एडवांस देकर रिटायर्ड सिपाही ने डीआईजी से इनोवा गाड़ी खरीदी थी. दोनों में तय हुआ कि लॉकडाउन के बाद पूरी रकम दे दी जाएगी और उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया जाएगा, लेकिन केपी सिंह नामक कथित रिश्तेदार के जरिए हुए इस सौदे में अब बखेड़ा खड़ा हो गया है.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Utar Pradesh) के बरेली (Bareilly) में डीआईजी वायरलेस अनिल कुमार और रिटायर्ड सिपाही देवेंद्र के बीच गाड़ी खरीदने को लेकर विवाद सामने आया है. सुभाष नगर थाना क्षेत्र के बदायूं रोड का ये मामला है. दरअसल लॉकडाउन (Lockdown) से पहले 5 लाख रुपये एडवांस देकर रिटायर्ड सिपाही ने डीआईजी से इनोवा गाड़ी खरीदी थी. दोनों में तय हुआ कि लॉकडाउन के बाद पूरी रकम दे दी जाएगी और उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया जाएगा, लेकिन केपी सिंह नामक कथित रिश्तेदार के जरिए हुए इस सौदे में अब बखेड़ा खड़ा हो गया है.

डीआईजी ने लिखवाई एफआईआर, इनोवा बरामद।

डीआईजी ने रिटायर्ड सिपाही के खिलाफ लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. सिपाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद बरेली की सुभाष नगर थाना पुलिस ने रिटायर्ड सिपाही के घर दबिश देकर डीआईजी की इनोवा गाड़ी बरामद कर ली है. डीआईजी की इनोवा गाड़ी उनकी पत्नी पुष्पा अनिल के नाम से रजिस्टर्ड है.

17.80 लाख में हुआ सौदा, 5 लाख दिया था एडवांस: देवेंद्र।

बरेली के रहने वाले रिटायर्ड सिपाही देवेंद्र का आरोप है कि उनका डीआईजी अनिल से 17.80 लाख में गाड़ी का लिखित सौदा हुआ था. उन्होंने 5 लाख एडवांस देकर  मुरादाबाद निवासी जकी खान से गाड़ी ले ली थी. बाकी की कार्रवाई लॉकडाउन पूरा होने के बाद होने की बात हुई थी. लेकिन लगातार लॉकडाउन आगे बढ़ रहा है जिस कारण वह डीआईजी को पेमेंट नहीं कर पाए. और न हीं गाड़ी अपने नाम ट्रांसफर करा पाए. जिसको लेकर डीआईजी की तरफ से एक एफआईआर दर्ज कराई गई है.

रिटायर्ड सिपाही ने भी दी तहरीर, पुलिस पर रिश्वत मांगन का भी आरोप।

रिटायर्ड सिपाही को जैसे ही एफआईआर होने की जानकारी हुई वैसे ही देवेंद्र के परिजनों ने भी बरेली के एसपी क्राइम को एक शिकायती पत्र दिया है. जिसमें आरोप है कि उन पर गलत तरीके से एफआईआर दर्ज करा दी गई और जबरन उनके घर से गाड़ी उठा ली गई. इतना ही नहीं देवेंद्र के परिजनों द्वारा दी गई तहरीर में बरेली के सुभाष नगर पुलिस पर भी रिश्वत का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सुभाषनगर थाना पुलिस ने इस मामले के निपटारे के लिए 25 हजार की डिमांड की थी. उसके परिजनों ने 20 हजार रुपये मौके पर दे दिए और 5 हजार रुपये इंस्पेक्टर के खाते में डाल दिए. हालांकि इन आरोपों के बाद इस्पेक्टर का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. वह डीआईजी की गाड़ी बरामद करने के लिए रिटायर्ड सिपाही देवेंद्र के घर जरूर गए थे.

क्या कहते हैं एसपी क्राइम?

इस प्रकरण में एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय का कहना है कि गाड़ी खरीद को लेकर कुछ विवाद हुआ है. रिटायर्ड सिपाही देवेंद्र को डीआईजी साहब की गाड़ी लेकर थाने बुलवाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचा. जिसके बाद डीआईजी साहब को आशंका हुई कि देवेंद्र ने उनके साथ कोई गड़बड़ी करने की प्लानिंग तो नहीं की है. जिसके बाद डीआईजी ने देवेंद्र के खिलाफ लखनऊ में एफआइआर कराई है. फिलहाल गाड़ी बरामद कर ली गई है. बाकी की कार्रवाई लखनऊ से होगी.

डीआईजी बोले- कई महीने बाद पैसा नहीं मिला तो लिखवाई एफआईआर।

इस प्रकरण में जब डीआईजी अनिल कुमार से बात हुई तो उनका कहना है कि चार-पांच महीने पहले रिटायर्ड सिपाही को हमने अपनी गाड़ी बेची थी. उसने सिर्फ  दो लाख रुपये देकर हम से गाड़ी ले ली. 4-5 महीने बीत जाने के बाद भी कोई पैसा नहीं दिया, जिसके बाद हमें एफआईआर करानी पड़ी. हम भी नहीं चाहते थे कि कोई एफआईआर हो लेकिन रिटायर्ड सिपाही देवेंद्र गाड़ी खरीदते समय जो वाद किया था उसे तोड़ दिया था, जिस कारण हमें कानूनी प्रक्रिया अपनानी पड़ी.

जानकारी के अनुसार डीआईजी की तरफ से पहले रिटायर्ड सिपाही पर लखनऊ में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई गई. डीआईजी की एफआईआर के बाद पुलिस ने रिटायर्ड सिपाही के घर दबिश देकर इनोवा कार बरादम कर ली. उधर एफआईआर के बाद रिटायर्ड सिपाही ने डीआईजी और उनकी पत्नी सहित 4 के खिलाफ एसपी क्राइम को तहरीर दी है।

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