Big Bang में खो चुके Missing Matter को ढूंढने ने वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, खुलेंगे गैलेक्सी के कई और राज !
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने दशकों बाद सामान्य चीज़ों और जीवों की रचना करने वाले मिसिंग मैटर का लगाया पता, ऐस्ट्रोनॉमर्स को गैलेक्सीज के पैदा होने और खत्म होने के राज को जानने में मिलेगी मदद !
अरबों साल पहले Big Bang होने से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ। इंसान ने जब से Big Bang से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश की उसके सामने कई राज खुले। इसी क्रम में वैज्ञानिकों ने Big Bang के बाद गायब हुआ Missing Matter खोज लिया है। डार्क एनर्जी और डार्क मैटर के अलावा Ordinary Matter भी था जो अभी तक मिल नहीं सका था। डार्क एनर्जी और डार्क मैटर से ब्रह्मांड के भरे होने की खोज भी की गई लेकिन एक सवाल जो वैज्ञानिकों के दिमाग में घूमता रहा कि जिस मैटर से सामान्य चीजों और जीवों की रचना होती है, वह मैटर ब्रह्मांड में आखिर कहां है। दशकों तक गैलेक्सीज के बीच में खोजने के बाद आखिरकार ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को पता चला है कि यह खोया हुआ मैटर आखिर कहां है।
मिसिंग मैटर का ऐसे लगा पता !
वैज्ञानिक मिसिंग मैटर को Baryonic Matter भी कहते हैं। ब्रह्मांड में एनर्जी के छोटे-छोटे फ्लैश होते रहे हैं जिन्हें रेडियो बर्स्ट (Radio Bursts) कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने जब इनका अध्ययन करना शुरू किया तो पता चला कि खोया हुआ सामान्य मैटर दरअसल गैलेक्सीज के बीच में ठंडी गैस के रूप में फैला हुआ था। इंटरनैशनल सेंटर फॉर रेडियो ऐस्ट्रोनॉमी रीसर्च की कर्टिन यूनिवर्सिटी के असोसिएट प्रफेसर जीन-पियरी मकार्ट के मुताबिक गैलेक्सीज के बीच का स्पेस बहुत फैला हुआ है। यहां जो मैटर मिला है वह इतना कम लगता है जैसे एक कमरे के अंदर एक-दो परमाणु हों।
मिसिंग मैटर के ये हैं असर !
Fast Radio Bursts पहली बार 2007 में खोजे गए थे लेकिन अभी तक इसका पूरे तरीके से अध्ययन नहीं किया गया है। फास्ट रेडियो बर्सट्स (FRBs) यूनिवर्स में ट्रैवल करते हुए फैल जाते हैं। जिस मैटर से यह गुजरते हैं, उसकी वजह से इनकी गति धीमी हो जाती है। इस मैटर से हर रेडियो एनर्जी की फ्रीक्वेंसी अलग तरह से धीमी होती है। वैज्ञानिकों ने स्टडी किया कि ये Bursts कितनी दूरी पर हुए थे और पृथ्वी तक पहुंचते-पहुंचे ये कितना फैल चुके थे और इसके आधार पर पता लगाया कि गैलेक्सी में ये कहां पाए जा सकते थे।
शक्तिशाली दूरदर्शी के जरिए मिला मैटर!
मिसिंग मैटर को खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने CSIRO के ऑस्ट्रेलियन स्क्वेयर किलोमीटर ऐरे पाथफाइंडर (ASKAP) का इस्तेमाल किया जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मिड वेस्ट 36 रेडियो टेलिस्कोप्स से बना है। इसकी मदद से आसमान के बड़े हिस्से में साफ-साफ देखा जा सकता है। बिना FRB के उद्गम का पता लगे, ASKAP ने उसे कैप्चर किया और उसकी तरंगदैध्र्य का विश्लेषण भी किया। इसके बाद चिली के वेरी लार्ज टेलिस्कोप ने पृथ्वी और उस गैलेक्सी के बीच की दूरी का पता लगाया जहां से ये FRB आए थे। इसकी मदद से वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि कितना मैटर इस बीच मौजूद था।
एस्ट्रोनॉमर्स को मिलेगी मदद !
वैज्ञानिकों का कहना है कि अदृश्य ब्रह्मांड में और खोज करने के लिए FRB का इस्तेमाल पहला कदम है। डॉक्टर मकार्ट का कहना है कि अब 100 या ज्यादा FRBs की मदद से इस मैटर को और गहराई से स्टडी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये मैटर यूनिवर्स के अटमॉस्फियर को बनाता है। यही वह ईकोसिस्टम है जिसमें गैलेक्सी रहती हैं। इसके स्ट्रक्चर का पता लगाकर ऐस्ट्रोनॉमर्स गैलेक्सीज के पैदा होने और खत्म होने के राज को समझ सकते हैं।
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