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कॉरोना काल की सबसे दर्दनाक पेंटिंग हुई वायरल!

कॉरोना काल की सबसे दर्दनाक पेंटिंग हुई वायरल!

कॉरोना काल की सबसे दर्दनाक पेंटिंग हुई वायरल!

कोरोना के इस महाकाल में जहां लाखो लोगों को जान का खतरा है,बहुत से सोशल एक्टिविस्ट ने इस महामारी और इससे होने वाले नुकसान के बारे में लिखा है और सबने अपनी अपनी तरह से अपनी राय रखी है।

विभिन्न राज्यों से पलायन कर रहे प्रवासी मज़दूरों द्वारा पैदल ही हजारों किलोमीटर का सफर करने वाली घटना बहुत ही दयनीय है।कभी रोटी के लिए शहर जाने वाले प्रवासी मजदूर ,रोटी के लिए ही अपने गांव जाने पर मजबूर हैं।

इसी के चलते कभी मज़दूर थककर ट्रेन की पटरियों पर सो जाते है और सुबह तक सिर्फ उनकी लाशें कटी हुई मिलती हैं तो कहीं ट्रक की टक्कर से मज़दूर मर रहे हैं तो कहीं भूख से उनकी मौत हो रही है।

इन सभी की घटनाओं के बीच एक लगातार कुछ ना कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं और इस समय एक पेंटिंग बहुत वायरल हो रही है जिसमें एक महिला अपने जन्मजात शिशु को हाथ में उठाए और प्रसव के तुरंत बाद ही पैदल जाने पर मजबूर है जबकि खून का बहाव जारी है।मेरे हिसाब से इस समय की यह अब तक की सबसे दर्दनाक तस्वीर है।

कॉरोना काल की सबसे दर्दनाक पेंटिंग हुई वायरल!

यह एक सत्य घटना है। शकुंतला नाम की महिला मज़दूर जो कि 9 महीने की गर्भवती थी नासिक से सतना जाने के लिए, लोकडाउन की वजह से उसके पति की नौकरी जाने के बाद पलायन पर मजबूर होती है। 70 किलोमीटर चलने के बाद महिला ने महाराष्ट्र  बॉर्डर पर एक बच्चे को जन्म दिया और एक घंटे बाद शकुंतला ने फिर 160 किलोमीटर का सफर तय किया।

जब वहां पुलिस प्रशासन को यह सूचना मिली तो उन्होंने उसे मदद पहुंचाई।हालांकि जच्चा बच्चा दोनों अब स्वस्थ हैं।

     एक तरफ जहां पूरा देश मदर्स डे मना रहा था वहीं दूसरी तरफ एक मां अपना फ़र्ज़ निभा रही थी ,एक ऐसी 9 माह की गर्भवती मां जो लॉकडाउन के चलते पैदल ही अपनने घर के लिए रवाना हुई। 70 किलोमीटर चलने के बाद वह एक बच्चे को जन्म देती है और 160 किलोमीटर फिर चलती है। ऐसी मिसालें सिर्फ हमारे हिंदुस्तान में ही मिलती है।ऐसी हिम्मत को हम सबका नमन है।

                                                         - निदा बानो की रिपोर्ट!


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