भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी का सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन, देश के लोगों को प्रतिमाह 7500 रुपए 10 किलो राशन सहायता समेत की 11 सूत्रीय मांग!
भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी का सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन, देश के लोगों को प्रतिमाह 7500 रुपए 10 किलो राशन सहायता समेत की 11 सूत्रीय मांग!
ज्ञापन में कहा गया है कि देश और उत्तर प्रदेश के हालत चिंताजनक बने हुए हैं उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है दलित पिछड़े अल्पसंख्यकों गरीबों मजदूरों का उत्पीड़न बढ़ता चला जा रहा है फर्जी मुठभेड़ करने के बावजूद कानून व्यवस्था पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है!
बिजली की समस्या भी गंभीर होती जा रही है सरकार विद्युत वितरण की पूरी व्यवस्था को ठेकेदारी पर चलाना चाहती है इससे किसानों और आम जनता को ऊंचे दरों के बिलों को चुकता करना पड़ेगा, जो इस महामारी से त्रस्त लोगों के लिए और भी मुसीबत की बात होगी!
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सरकार सभी सरकारी संपत्ति को बेचने पर आमादा है कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने और इलाज की व्यवस्था के बजाय सरकार देश के कुछ गिने चुने पूजी पतियों को सारी राहत वह देश की संपत्ति दे देना चाहती है, पेट्रोल डीजल गैस की महंगाई अभूतपूर्व ढंग से बढ़ रही है गरीब बच्चे शिक्षा से पूरी तरह वंचित हो रहे हैं!
सरकार की नई शिक्षा नीति घोषित की गई है, वह संघ के सांप्रदायिक एजेंडे पर बनाई गई है जब तक आम जनता में व्यापक बहस ना हो और संसद में बहस ना हो ऐसा कोई कानून देश की जनता पर नहीं थोपा जाना चाहिए इसी तरह किसानों के शोषण हुआ किसानों की कमर तोड़ देने के लिए भी सरकार ने तीन अध्यादेश लागू किए हैं यह भी बिना संसद में बहस किए लागू नहीं की जानी चाहिए थी!
मांग पत्र में कहा गया कि भू माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही की जाए कोरोना काल में बिजली के बिल माफ हो विद्युत निगम का निजी कारण रोका जाए कोरोना के इलाज की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाए और आम आदमी के लिए इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाए और सुधार किया जाए पेट्रोल डीजल और गैस की कीमतों पर लगाम लगाई जाए बल्कि इसके ऊपर लगे हुए तमाम टैक्स कम करते हुए सस्ता किया जाए, आयकर से बाहर देश के सभी लोगों को प्रतिमाह 7500 रुपए 10 किलो राशन सहायता के रूप में प्रदान किए जाएं!
किसान विरोधी और कारपोरेट मंडी कानून संशोधन को रद्द किया जाए नौजवानों को काम दिया जाए, मनरेगा की मजदूरी को बढ़ाया जाए सरकारी उद्यमों और संपत्तियों का निजीकरण बंद हो भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए, और सरकार के नुमाइंदे भूमि पूजन व शिलान्यास जैसे संविधान को क्षति पहुंचाने वाले कार्यों में लिप्त ना हो, आदि मांगे की गई है!
प्रदर्शनकारी हाथ में लाल झंडा लिए हुए नारे लगा रहे थे इस अवसर पर प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री रामबरन सिंह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता लालबहादुर तिवारी कर रहे थे इस अवसर पर ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद के सदस्य हेमंत नंदन ओझा किसान सभा के महामंत्री निर्भय प्रताप सिंह कम्युनिस्ट नेता आरडी यादव पूर्व सहकारिता विभाग के अधिकारी, राजमणि पाण्डेय, कृष्ण नारायण मिश्र, राज बहादुर, मजदूर नेता रामसूरत चंद्र भुवन सिंह, राम स्वरूप पाल, दिनेश दुवेदी, अमर नाथ मिश्र त्रिवेणी प्रसाद यादव आदि प्रमुख रूप से थे!
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