बाइक बोट घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, संजय भाटी और उसकी कंपनी की 103 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की चल अचल संपत्ति जप्त की !

बाइक बोट घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, संजय भाटी और उसकी कंपनी की 103 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की चल अचल संपत्ति जप्त की !
नई दिल्ली - बाइक बोट घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर लिमिटेड और उसके प्रमोटर संजय भाटी की 103 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की चल अचल संपत्ति जप्त की है. यह संपत्तियां नोएडा गाजियाबाद कानपुर आदि शहरों में बताई गई हैं. साथ ही 22 खातों में जमा रकम भी जप्त की गई. ईडी के एक आला अधिकारी के मुताबिक EBOT घोटाले में PMLA की जांच जून 2019 में उपरोक्त कंपनी और इसके प्रमोटर संजय भाटी और अन्य के खिलाफ गौतम बुद्ध नगर के दादरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई थी !
इस मामले में आरोप था कि जीआईपीएल कंपनी और उसके प्रमोटर संजय भाटी ने दूसरे अन्य लोगों के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा और इस षड्यंत्र के तहत बाइक बोट के नाम से बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने को कहा गया. इस बाइक टैक्सी सेवा के लिए कंपनी ने अत्यधिक आकर्षक निवेश की योजना बनाई थी, जिसमें ग्राहक इन निवेशकों के आधार पर अपने पैसे लगा सकते थे. इसके बदले निवेशक को मासिक किराया ईएमआई बोनस आदि देने को कहा गया था. इसके अतिरिक्त निवेशकों को एक बायनरी मल्टी लेवल मार्केटिंग संरचना में जुड़ने के लिए भी बताया गया था !
कंपनी ने विभिन्न शहरों में फ्रेंचाइजी भी आवंटित की थी, लेकिन यह सेवा शुरू ही नहीं की गई, बल्कि इसकी आड़ में निवेशकों से उनका पैसा लिया जाता रहा. यह भी आरोप है कि बाइक टैक्सी योजना की आड़ में जो धन कंपनी द्वारा लिया गया उसे अन्य कामों में लगाया गया और घोटाले से कमाई गई, धनराशि के जरिए अनेकों संपत्तियां और अन्य मूल्यवान वस्तुएं खरीदी गईं. जांच के दौरान यह भी पता चला था कि कंपनी के साथ इस घोटाले में कुछ सरकारी अधिकारी और अन्य लोग भी शामिल थे !
ईडी ने इस मामले में अनेक स्थानों पर छापे मारकर तलाशी ली थी और इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे, जिसमें कुछ संपत्तियों के दस्तावेज भी शामिल थे. सात अन्य संपत्तियों के साथ गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, कानपुर और इंदौर स्थित 19 अचल संपत्तियों की पहचान की गई है. साथ ही कंपनी के 22 खातों की पहचान कर उनमें जमा धन भी जप्त किया गया है. इन सभी का कुल मूल्य लगभग 103 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया गया है. मामले की जांच जारी है !
इस मामले में आरोप था कि जीआईपीएल कंपनी और उसके प्रमोटर संजय भाटी ने दूसरे अन्य लोगों के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा और इस षड्यंत्र के तहत बाइक बोट के नाम से बाइक टैक्सी सेवा शुरू करने को कहा गया. इस बाइक टैक्सी सेवा के लिए कंपनी ने अत्यधिक आकर्षक निवेश की योजना बनाई थी, जिसमें ग्राहक इन निवेशकों के आधार पर अपने पैसे लगा सकते थे. इसके बदले निवेशक को मासिक किराया ईएमआई बोनस आदि देने को कहा गया था. इसके अतिरिक्त निवेशकों को एक बायनरी मल्टी लेवल मार्केटिंग संरचना में जुड़ने के लिए भी बताया गया था !
कंपनी ने विभिन्न शहरों में फ्रेंचाइजी भी आवंटित की थी, लेकिन यह सेवा शुरू ही नहीं की गई, बल्कि इसकी आड़ में निवेशकों से उनका पैसा लिया जाता रहा. यह भी आरोप है कि बाइक टैक्सी योजना की आड़ में जो धन कंपनी द्वारा लिया गया उसे अन्य कामों में लगाया गया और घोटाले से कमाई गई, धनराशि के जरिए अनेकों संपत्तियां और अन्य मूल्यवान वस्तुएं खरीदी गईं. जांच के दौरान यह भी पता चला था कि कंपनी के साथ इस घोटाले में कुछ सरकारी अधिकारी और अन्य लोग भी शामिल थे !
ईडी ने इस मामले में अनेक स्थानों पर छापे मारकर तलाशी ली थी और इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे, जिसमें कुछ संपत्तियों के दस्तावेज भी शामिल थे. सात अन्य संपत्तियों के साथ गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, कानपुर और इंदौर स्थित 19 अचल संपत्तियों की पहचान की गई है. साथ ही कंपनी के 22 खातों की पहचान कर उनमें जमा धन भी जप्त किया गया है. इन सभी का कुल मूल्य लगभग 103 करोड़ रुपये से ज्यादा का बताया गया है. मामले की जांच जारी है !
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