बरसात के दिनों में नर्क से भी बदतर हो जाता है यूपी के कृषि मंत्री का विधानसभा क्षेत्र, जलजमाव और गंदगी से जनता त्रस्त, विधायक मस्त !
विधानसभा 338 पथरदेवा कस्बे में पिछले पांच वर्षों से कभी नहीं हुई सफाई, विधायक और ग्राम प्रधान के प्रति स्थानीय लोगों में भयंकर अविश्वास !
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प्रतीकात्मक चित्र |
देवरिया - कहते हैं सत्ता का मद सबसे बरदाश्त नहीं होता। इस संबंध में जब भी हम चर्चा करते हैं तो किसी ना किसी राजनेता अथवा सत्ता में किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति का स्मरण स्वतः ही हो आता है। मुद्दा है उत्तर प्रदेश के एक ऐसे क्षेत्र की दुर्दशा का, जहां के विधायक सूबे में कृषि मंत्री के पद पर आसीन हैं। बरसात के दिनों में यूपी के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप के विधान सभा क्षेत्र पथरदेवा के अंदर गांवों की स्थिति नर्क से भी बदतर हो जाती है। वर्षा ऋतु में क्षेत्र की ऐसी दुर्दशा व्यापक जलजमाव और भयंकर गंदगी के कारण हो जाती है। लोगों से बात करने पर पता चला की इस क्षेत्र में आज तक कभी सफाई ही नहीं हुई। स्थानीय जनता का कहना है कि केवल "अपात्र" लोगों को ही शौचालय प्रदान किया जाता है। आगे जनता कहती है कि अगर पात्र लोगों को स्वच्छ भारत अभियान का शौचालय नहीं भी मिल रहा है फिर भी कम से कम क्षेत्र की नियमित रूप से अगर विधिवत् साफ-सफाई भी होती तब हम समझते की प्रदेश सरकार कुछ तो काम करती है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और विधायक जिम्मेदार,नहीं है जल निकासी की व्यवस्था - स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में फैली हुई गंदगी और जलजमाव के लिए सीधे तौर पर सूबे के कृषि मंत्री श्री सुर्यप्रताप शाही को जिम्मेदार ठहराया है। जनता का एक बड़ा तबका ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को हालात के लिए जिम्मेदार बताता है। लोगों का कहना है कस्बे में कभी साफ सफाई नहीं कराई जाती जिसके करण यहां जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। यही अव्यवस्था जलजमाव की समस्या का कारण बनता है। जिससे बहुत लोग बरसात के दिनों में लगातार बीमार पड़ते हैं।
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बारिश के बाद लगा जल जमाव |
विधायक ने कभी नहीं किया कस्बे का निरीक्षण !
स्थानीय लोग बताते हैं कि विधानसभा क्षेत्र 338 पथरदेवा आस पास के करीब 15 से 20 गांवों के लिए मुख्य बाज़ार है। धरातलीय स्थिति का जायजा लेने के बाद पता चला कि हल्की बारिश होने पर भी गंदगी अपने रौद्र रूप को धारण कर लेती है। गांव की बहुतायत गालियां और रास्ते गंदगी के कारण जाम हो जाते हैं जिसके कारण लोग को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोग बताते हैं कि ग्राम प्रधान को इसकी कोई चिंता नहीं है। कृषि मंत्री जब भी अपने पैतृक गांव जाते हैं तो इस कस्बे के मुख्य मार्ग से अपने पैतृक आवास को चले जाते हैं परन्तु एक बार भी यहां की आबादी के बीच पहुंचकर उनकी समस्या समझने का प्रयास नहीं करते। जबकि एक जननेता होने के कारण अपनी जनता के सुख-दुख में सहभागी होना हर एक जन प्रतनिधि का दायित्व होता है।
ऐतिहासिक रूप से भी कस्बे का है बहुत महत्व !
कृषि मंत्री के विधान सभा क्षेत्र के इस कस्बे का अपना एक विशेष महत्व है। इस अकेले कस्बे में एक दर्जन से भी ज्यादा मंदिर हैं। कुछ मंदिर बहुत पुराने हैं जबकि हाल ही में बने कुछ नए मंदिरों का सिलान्यास तो सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं। इन मंदिरों में कस्बे के आस-पास के श्रद्धालु बड़ी मात्रा में प्रतिदिन पूजन-अर्चन के लिए इक्कठा होते हैं। चैत्र के महीने में स्थानीय लोगों द्वारा ही बहुत व्यापक स्तर पर यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है।
जल निकासी और कस्बे में साफ-सफाई की व्यवस्था करने की लोगों की मांग !
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जाम पड़ी हुई मुख्य नाली |
कस्बे के स्थानीय लोग अपने कृषि मंत्री विधायक और ग्राम प्रधान से बहुत खिन्न हैं। लोग तो यहां तक भी कहते हैं कि भविष्य में ऐसे विधायक का फिर से जीत पाना बहुत मुश्किल है। आमतौर पर लगभग अधिकांश गांवों में लोग ग्राम प्रधान कि भूमिका से संतुष्ट नहीं होते और अधिकांश लोगों के पास इसका साक्ष्य सहित सत्य कारण भी होता है। बिल्कुल यही दशा कृषि मंत्री के इस कस्बे की भी हैं। गंदगी और जलजमाव की इस भीषण समस्या के लिए सबसे ज्यादा लोग ग्राम प्रधान को दोषी मानते हैं। स्थानीय मीडिया भी ऐसे मुद्दों को कभी नहीं उठता। लोग त्रस्त हैं और नरक से भी बदतर कस्बे में रहने वाली यह जनता केवल अपने कस्बे की साफ सफाई की मांग कर रही है।
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