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धोखे में रखकर की शादी, युवती की मौत, निजी व्हाट्सएप चैट वायरल !


दहेज का नँगा नाच इस युग मे कितना प्रभावशाली हो गया है ये आपने अपने आस पास देखा ही होगा।इसी तरह आज एक दहेज के लालची इंसान की कहानी सुनिए -


27 वर्षीय झांसी की सुषमा, शादी 19/04/2019 को डॉ.प्रेजिडेंट साहिल,रायपुर से हुई, कुछ समय बाद ही 50 लाख की दहेज मांग लड़की को मायके छोड़ आया, 13/06/2020 को सुष्मा की मृत्यु हो गई, रसूखदार होने के कारण कार्यवाही नही हुई। 


व्हाट्सएप चैट पढ़िए फिर शक्ल देखिए फिर कारनामे देखिए -

धोखे में रखकर की शादी, युवती की मौत, निजी व्हाट्सएप चैट वायरल !

मामला धोखा देकर शादी करने और बाद में मरने के लिए छोड़ देने जैसे गंभीर मामले से जुड़ा हुआ है, स्थानीय लोगों के अनुसार उक्त व्यक्ति महिलाओं के साथ धोखाधड़ी करता है और लड़कियों को फंसाकर उनके जज्बातों के साथ खेलता है, व्हाट्सएप चैट में भी इसका खुलासा हुआ है।

पहले शादी फिर धोखा -

मामले की शुरुआत ग्राम व थाना समथर जिला झांसी से शुरुआत हुई जहां की बेटी सुषमा की शादी 19 अप्रैल 2019 को जालौन निवासी बॉबी से हुई। शादी के वक्त बॉबी ने लड़की पक्ष और लड़की को यह बताया कि वह एमबीबीएस डॉक्टर है तथा रायपुर छत्तीसगढ़ में रहकर निजी प्रैक्टिस करता है। शादी के तुरंत बाद ही सुषमा को बॉबी द्वारा अपने पैतृक गांव कुकरगांव जिला जालौन ले जाया गया जहाँ पर सुषमा को छोड़कर बॉबी रायपुर निकल गया। बाद में सुषमा को यह जानकारी मिली कि बॉबी कोई डॉक्टर नहीं है न ही बॉबी उसका असल नाम है बल्कि वास्तविक नाम प्रेसिडेंट साहिल है। सुषमा के बार-बार कहने पर साहिल उर्फ बॉबी के द्वारा सुषमा को छोड़ दिया गया वहीँ साहिल उर्फ बाबी का परिवार भी बॉबी के साथ रायपुर निकल गया।

धमकी प्रताड़ना और मौत -

शादी के बाद सुषमा लगातार बॉबी से उसके साथ रहने और जाने की बात कह रही थी इसके बावजूद बॉबी ने सुषमा को लगातार धमकियां दी। परिवार द्वारा उपलब्ध कराई गई व्हाट्सएप चैट में सुषमा लगातार बॉबी से मिन्नते करती हुई नजर आती है लेकिन बॉबी के अनुसार वह उसे किसी कीमत पर अपने साथ नहीं रखेगा। इसी घटनाक्रम के चलते बीते दिनों सुषमा की ब्रेन हैमरेज की वजह से मौत हो गयी। घरवालों ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस बॉबी के पैसे के बल पर न तो एफआईआर दर्ज कर रही है न ही सुषमा का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

अगर प्रशासन चाहता तो मौत रुक सकती थी -

मामले को लेकर पीड़िता अपने परिवार के साथ तमाम सबूतों जैसे व्हाट्सएप, काल रिकॉर्डिंग जैसे सुबूतों को लेकर साल भर अधिकारियों के दरवाजे नापती रही। लेकिन किसी अधिकारी ने युवती की मदद नहीं की बल्कि उसे दुत्कारा गया और यही कारण था कि युवती को मस्तिष्क संबंधित बीमारिया हुई और बीते दिनों युवती की ब्रेन डेड होने से मृत्यु हो गयी। परिवारीजनों के अनुसार यह एक प्रसाशनिक हत्या है।



परिवार को न्याय चाहिए -

सुषमा की मौत के बाद उसके शव को लेकर परिवार दर-दर भटकता रहा। मामले को लेकर न तो किसी पुलिस विभाग के अधिकारियों ने तत्परता दिखाई और न ही सुषमा को न्याय दिलाने की बात कही गयी। मामले को लेकर सुषमा की बहन सुमन ने सरकार और न्याय तंत्र के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी है। देखते है जिम्मेदार लोगों के कान कब तक खुलते हैं।

समथर की बेटी को न्याय अबश्य मिलना चाहिए सोई हुई न्यायपालिका प्रशासन को जगना पड़ेगा बहन हम आपके साथ है न्याय दिलाने के लिए...

Posted by Drx Bharat Vyas Samthar on Tuesday, June 16, 2020


किंतु इस घटना के प्रभाव से एक बेटी का सब कुछ उजड़ जाता है वही परिवार बिखर भी जाते हैं।


समाज में फैली इन कुरीतियों को समाज के लोगों को ही दूर करना होगा, अन्यथा आज एक सुष्मा इस घटना का शिकार हुई है न जाने कितनी ही सुष्मा फिर शिकार होगी। समाज को अपने आसपास हो रहे अत्याचारों के प्रति आवाज उठाना चाहिए अगर कल्पना के आस-पड़ोस के लोगों ने आवाज उठाई होती तो आज सुष्मा उनके साथ होती और दोनों परिवार एक साथ होते। दहेज के लोभी को भी कड़ा संदेश देना आवश्यक हो गया है कि, वह बहू को ब्याह कर लाते हैं जो उनके घर की लक्ष्मी है। ना कि वह किसी धन कुबेर को उठाकर लाते हैं जो उसके घर धनवर्षा करे।

दहेज के प्रति समाज का नजरिया बदलना आवश्यक हो गया है , नहीं तो कितनी और बेटियों का घर उजड़ेगा वह बेटी हमारी और आपकी भी हो सकती है।



निदा की रिपोर्ट!

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