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श्रमिकों के अधिकार पर लगातार चोट पहुंचा रही है सरकार !




श्रमिकों के अधिकार पर लगातार चोट पहुंचा रही है, देश के मजदूरों व कर्मचारियों को आर-पार का संघर्ष करना पड़ेगा - हेमंत नंदन ओझा

प्रतापगढ़ - केंद्रीय श्रम संगठनों केंद्र व राज्य कर्मचारी, बैंक कर्मियों, स्वतंत्र फेडरेशनो, ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर आज दिनांक 22 मई 2020 को देशव्यापी विरोध दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर बलीपुर में सांकेतिक धरना शारीरिक दूरी के साथ किया गया धरना स्थल पर वक्ताओं ने अपने विचार भी रखें वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश व प्रदेश में कोविड-19 के चलते 25 मार्च से ही लाकडाउन चल रहा है लाकडाउन के समय से ही मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र व राज्य सरकारों ने दिशा निर्देश निर्गत किया, जिसका पालन उद्योगपतियों व मालिकों ने नहीं किया, उल्टे मालिको व उद्योगपतियों के संगठनों ने सरकार पर दबाव बनाकर  और अधिक सुविधा लेने का प्रयास किया! और अब सरकार के द्वारा उठाए गए कदम यह प्रमाणित करते हैं कि सरकार पूजीपतियों की पिट्ठू  है!

 सरकार की तरफ से कर्मचारियों के महंगाई भत्ता पेंशनरों के महंगाई राहत सहित आठ प्रकार के भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं, काम के घंटे बढ़ा दिए गए, श्रम कानूनों को 3 साल के लिए स्थगित कर दिया गया, श्रम कानूनों को संशोधित करने का प्रयास शुरू हो गया है, बिजली रक्षा कोयला तेल व रेल जैसी कंपनियों को जो सार्वजनिक क्षेत्र की हैं उनके निजीकरण कोविड-19 के राहत के साथ शुरू कर दिया है जो सरकार का अत्यंत ही मजदूर विरोधी कदम है !

ऐसे समय में जबकि पूरा देश एक बड़ी आपदा का मुकाबला कर रहा है मजदूर बेहाल व् परेशान है, ऐसे में सरकार सार्वजनिक क्षेत्र सरकारी विभागों के कर्मचारी बढ़-चढ़कर जनता की सेवा कर रहे हैं, सरकार कर्मचारियों और मजदूरों के पीठ पर वार कर रही है इस अवसर पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिसमें श्रम कानूनों को 3 साल स्थगित करनेके निर्णय को वापस लेने, राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ता व पेंशन पाने वालों के महंगाई राहत सहित समाप्त किए गए 8 भत्तो को बहाल करने, आयकर न देने वाले देश के सभी परिवारों को  पचहत्तर सौ रुपये आर्थिक सहायता देने, करोना से मुकाबला कर रहे कर्मचारियों, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, आंगनबाड़ी कर्मी, बैंक कर्मी, बिजली कर्मी, पुलिसकर्मी आदि को आवश्यक सुरक्षा उपकरण आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराएं जाने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सभी को 3 महीने के मुफ्त राशन उपलब्ध कराए जाने, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों को विशेष पैकेज दिए जाने, बिजली सहित तमाम सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के निजी करण करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने, प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक निशुल्क भेजने,  सड़क हादसों में मारे गए प्रवासी श्रमिकों को मुआवजा देने की मांग की गई ज्ञापन में स्थानीय मांग के रूप में जनपद प्रतापगढ़ में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधीन पंजीकृत श्रमिकों को घोषणा के बावजूद श्रम विभाग के द्वारा खातों में गड़बड़ियों के चलते अधिकतर पंजीकृत श्रमिकों के खातों में धनराशि नहीं गई खातों को ठीक करके धनराशि भेजे जाने, एवं जनपद के सभी परिवारों को राशन कार्ड दिए जाने, मनरेगा के तहत सभी श्रमिकों के जाबकार्ड बनाए जाने व काम उपलब्ध कराए जाने, घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों का डाटा बनाकर उसे प्रशासन व श्रम विभाग की वेबसाइट पर सुरक्षित करने की मांग की गई!

 ज्ञापन पर जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विश्राम सिंह, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संयोजक रमाशंकर तिवारी, उत्तर प्रदेश बैंक इंप्लाइज यूनियन के मंत्री एनपी मिश्रा, यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री एसोसिएशन के मंत्री आर बी सिंह, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के मंत्री राम सूरत, पल्लेदार मजदूर यूनियन के मंत्री महेश सरोज, असंगठित कामगार यूनियन के संयोजक राजमणि  पांडे, आदि के हस्ताक्षर हैं धरने में उक्त नेताओं के अतिरिक्त सतीश यादव संतराम सुरेश चंद आदि अन्य दर्जनों लोग उपस्थित थे !

उल्लेखनीय है कि कर्मचारी गण जनपद भर में अपनी ड्यूटी के दौरान काला फीता बांधकर या लगाकर अपना विरोध प्रकट करते हुए विरोध दिवस मना रहे हैं धरने के अंत में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया, जिसकी प्रतियां श्रम मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार उप श्रम आयुक्त प्रयागराज मंडल एवं जिला अधिकारी प्रतापगढ़ को दी गई! 

 उक्त जानकारी देते हुए जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के अध्यक्ष हेमंत नंदन ओझा ने जनपद भर के अनेक ट्रेड यूनियन संगठनों, कर्मचारी मजदूर संगठनों से जुड़े हुए सदस्यों को देशव्यापी विरोध दिवस को सफल बनाने के लिए बधाई देते हुए कहा कि जल्दी ही एक बड़े आंदोलन के लिए हम सबको अपनी कमर कसकर तैयार रहना चाहिए क्योंकि सरकार हर हाल में आजादी के 70 सालों में व आजादी के पूर्व से बने हुए तमाम विभागों वह सार्वजनिक उद्योग उपक्रम को बेचने पर तुली हुई है और नई नौकरियों में भर्ती के बजाय पद समाप्त करने पर सरकार तुली है श्रमिकों के अधिकार पर लगातार चोट पहुंचा रही है ऐसे में यह सरकार अब पूरी तरह से अनैतिक हो गई है देश के मजदूरों व कर्मचारियों को आर-पार का संघर्ष करना पड़ेगा!

-वरिष्ठ पत्रकार उदय सिंह मौर्य की रिपोर्ट!

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