Indian Railway को मिली बड़ी कामयाबी! बनाया देश का सबसे शक्तिशाली ‘मेड इन इंडिया’ इंजन।
Indian Railway को मिली बड़ी कामयाबी! बनाया देश का सबसे शक्तिशाली 'मेड इन इंडिया' इंजन।
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. देश की सबसे शक्तिशाली रेल का परिचालन शुरू हो गया. पहली ट्रेन 118 माल डिब्बों के साथ मंगलवार को दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से धनबाद डिविजन के लिए रवाना हुई. ट्रेन यहां से लोडेड मालगाड़ियों की 118 रैक को लेकर इंजन बरवाडीह (लातेहार, झारखंड) के लिए निकली. 12000 हार्स पॉवर की क्षमता वाले इंजन का इस्तेमाल डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर माल ढुलाई के लिए किया जाएगा.
हाई हार्स पावर वाले लोकोमोटिव बनाने वाला दुनिया का 6वां देश।
भारत हाई हार्स पावर वाले लोकोमोटिव का उत्पादन करने वाले विशिष्ट वर्ग में शामिल होने वाला दुनिया का 6वां देश बन गया. यह पहली बार है जब बड़ी लाइन की पटरी पर हाई हार्स पावर के इंजन का संचालन किया गया है. बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में निर्मित इस इंजन को भारतीय रेलवे व यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर बनाया है. मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (एमईएलपीएल) 11 वर्षों में 800 अयाधुनिक 12000 एचपी के इलेक्ट्रिक फ्रेट लोकोमोटिव का निर्माण करेगी. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस उपलब्धि को लेकर ट्वीट किया है.
Make in India Powers Railway Manufacturing: 12,000 horsepower Locomotive Engine, built in Madhepura, Bihar departed from Pt. Deen Dayal Upadhyaya Station in UP
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 19, 2020
The powerful & fast electric loco will cut down emission & operating cost & revolutionise freight movement in India. pic.twitter.com/6sKhPM4nlt
रेलवे की सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) परियोजना के तहत रेल मंत्रालय और एलेस्ट्रोम ने 2015 में 25 हजार करोड़ रुपये का समझौता किया था. परियोजना के तहत कंपनी मालगाड़ियों के 12000 एचपी के 800 इलेक्ट्रिक इंजन बनाएगी अैर 11 साल तक उनका रखरखाव करेगी.
मेक इन इंडिया की तर्ज पर बना ये इंजन ।
बिहार में मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में मेक इन इंडिया की तर्ज पर इंडियन रेलवे और यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम के साथ मिलकर बनाया गया है. अब तक भारत में अधिकतम साढ़े तीन हजार टन वजन खींचने वाला इंजन बनता था, जबकि इस इंजन की क्षमता छह हजार टन वजन खींचने की है. इंजन का नाम डब्ल्यूएजी 12 नंबर 60027 है. यह ट्रेन पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल के लिए दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से दोपहर बाद लंबी दूरी के लिए रवाना हुईए जिसमें 118 वैगन शामिल थे।
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