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हाईकोर्ट ने गाजीपुर डीएम के आदेश को किया रद्द, मस्जिदों से अजान को मिली अनुमति !

हाईकोर्ट ने गाजीपुर डीएम के आदेश को किया रद्द, मस्जिदों से अजान को मिली अनुमति !

हाईकोर्ट ने गाजीपुर डीएम के आदेश को किया रद्द, मस्जिदों से अजान को मिली अनुमति !

प्रयागराज. यूपी के गाजीपुर (Ghazipur) समेत तीन जिलों की मस्जिदों (Mosques) में अज़ान पर रोक के मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high Court) ने अहम फैसला सुनाया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाज़ीपुर, हाथरस और फर्रुखाबाद के डीएम के आदेश को रद्द करते हुए मस्जिदों से अजान की अनुमति दी. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिदों में अजान से कोविड-19 की गाइडलाइन का कोई उल्लंघन नहीं होता. कोर्ट ने अजान को धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ बताया. हालांकि लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति नहीं दी गई है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ उन्हीं मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है, जिन्होंने इसकी लिखित अनुमति ले रखी हो. जिन मस्जिदों के पास अनुमति नहीं है, वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकते हैं. लाउडस्पीकर की अनुमति वाली मस्जिदों में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा.

बता दें गाजीपुर के डीएम ने लॉकडाउन के दौरान मस्जिदों से अजान पर मौखिक रोक लगाई थी जिसके खिलाफ बीएसपी सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसके बाद ऐसा ही मामला हाथरस और फर्रुखाबाद से भी आया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिदों में अज़ान से कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होता है. बीएसपी सांसद अफ़ज़ाल अंसारी और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील सैयद वसीम कादरी ने दाखिल द्वारा दाखिल याचिका पर यह आदेश आया. हाथरस और फर्रुखाबाद जिलों में इसी तरह की रोक के खिलाफ सलमान खुर्शीद ने याचिका दाखिल की थी. तीनों जिलों में डीएम ने मौखिक आदेश से अज़ान पर रोक लगा रखी थी.

जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच ने यह आदेश.

मामले में सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल 
ने बहस की. याचिकाकर्ताओं की ओर से सैयद सफदर अली काजमी ने रखा था अपना पक्ष. हाईकोर्ट ने 5 मई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद जजमेंट को रिज़र्व कर लिया !



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