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Covid-19: एक महीने में प्रवासी मजदूरों से काफी ज्यादा प्रभावित हुए यूपी और बिहार के जिले!

Covid-19: एक महीने में प्रवासी मजदूरों से काफी ज्यादा प्रभावित हुए यूपी और बिहार के जिले!

प्रवासी कामगारों का अपने गृह राज्य पहुंचना बना मुसीबत का सबब यूपी बिहार के ग्रीन जोन इलाकों में भी कोरोना ने दी दस्तक!

नई दिल्ली - देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ती जा रही हैं, लेकिन इसके साथ ही कई लोग ठीक भी हुए हैं। इस स्थिति प्रवासी कामगारों का अपने गृह राज्य लौटना कोरोना मुक्त जिलों के लिए एक परेशानी का सबब बन गया है। अगर पिछले एक महीने में देखा जाए तो राज्यों में वायरस संक्रमण के मामलों में काफी वृद्धि  हुई हैं। 22 अप्रैल से अभी तक प्रवासी कामगार (Migrant Workers) लगातार अपने गृह राज्य को लौट रहे हैं। इसका प्रभाव ये पड़ा है कि राज्यों में संक्रमितों की संख्या बढ़ गई। इन राज्यों में यूपी (UP) और बिहार (BIHAR) के जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार दोनों राज्यों के 9 जिलों में संक्रमण का प्रसार सबसे अधिक देखा गया। इस रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल को लगभग 300 ऐसे जिले थे जहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, लेकिन एक माह में 174 जिले संक्रमित हो गए। पूर्वी भारत के कुछ ऐसे जिलें हैं जहां ज्यादातर प्रवासी कामगार रहते हैं ये सभी 22 अप्रैल को ग्रीन ज़ोन थे लेकिन वर्तमान में सभी जगह कम से कम एक केस है।

इन राज्यों के ये जिले हुए ज्यादा प्रभावित!

22 अप्रैल तक के डेटा के अनुसार देखा जाए तो बिहार के 23 जिले कोरोना मुक्त थे, वहीं उत्तर प्रदेश में 20 जिले, मध्यप्रदेश में 19 जिले, ओडिशा में 13 जिले, झारखंड में 12 और छत्तीसगढ़ में 9 जिले पूरी तरह संक्रमण मुक्त थे। लॉकडाउन 3.0 के बाद से दी गई छूट के कारण इन जिलों में मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए। पिछले एक महीने में बढ़े हुए इन केसों को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है लॉकडाउन 4.0 में ज्यादा ढील देने से ये मामले और अधिक बढ़ सकते हैं। 22 अप्रैल को लगभग 200 जिलों में 10 से कम मामले थे लेकिन अब इनमें मामलों की संख्या बढ़कर औसतन 40 हो गई है। इसी तरह जिन 30 जिलों में 50 से 100 मामले थे, उनमें अब औसतन 220 मामले हैं। पूर्वी राज्यों में वायरस का प्रसार राज्य भर में समान रूप से कहीं अधिक तेजी से फैला है। 

नियमों का सख्ती से पालन कराए सरकार !

लॉकडाउन के चौथे चरण में इन राज्यों के अधिकांश कोरोना मुक्त जिलों में वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण के खतरे को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। ग्रामीण क्षेत्रों में अगर यह वायरस अपनी पकड़ बना लेता है तो सरकार के लिए यह बहुत ही परेशानी का सबब बन जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता ज्यादा बेहतरीन नहीं है। ऐसी दशा में सरकार को चाहिए कि बहुत ही सख्ती के साथ ऐसे गांवों में लॉकडाउन का पालन कराया जाए। संकट के इस दौर में देश के ग्रामीण इलाकों को संक्रमण से मुक्त रखना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसे इलाकों में जनता वायरस को लेकर बहुत ज्यादा सजग नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार को संक्रमण रोकने के लिए हर तरीके का प्रयास करना चाहिए।

-ओंकार पाण्डेय की रिपोर्ट!


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