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रामजन्मभूमि का हो रहा समतलीकरण, मिली प्राचीन मूर्तियां, शिवलिंग और खंडित स्तंभ!

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समतलीकरण के दौरान मंदिर परिसर में मिला खंडित स्तंभ!

11 मई से राम जन्मभूमि परिसर में चल रहा है समतलीकरण का काम, प्राप्त अवशेषों का विक्रमादित्य युगीन होने का भी दावा!

अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के क्रम में राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण का काम चल रहा है। इस दौरान कई पुरातात्विक मूर्तियां, खंभे और शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि मलबा हटाने के दौरान कई मूर्तियां और एक बड़ा शिवलिंग मिला है। राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई ट्रस्ट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का कहना है कि समतलीकरण के दौरान काफी संख्या में पुरावशेष यथा देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 8 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फिट आकार की नकाशीयुक्त शिवलिंग की आकृति मिली है। राम जन्मभूमि परिसर में 11 मई से समतलीकरण का काम शुरू हुआ है, जो अभी भी जारी है। कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए जेसीबी, क्रेन, ट्रैक्टर और 10 मजदूरों की टीम समतलीकरण का काम कर रही है। परिसर के समतलीकरण के बाद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।

अवशेषों के विक्रमादित्य युगीन होने का भी दावा!

दरअसल, समतलीकरण का कार्य 11 मई से रामलला के मूल गर्भगृह के आसपास चल रहा है। गत वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया था कि जिस गर्भगृह में रामलला विराजमान थे, वहां विक्रमादित्य युगीन मंदिर था। हालांकि बुधवार को समतलीकरण के दौरान जिस मंदिर के अवशेष मिले हैं, उसके बारे में अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह उसी मंदिर के हैं या बाद में बने किसी मंदिर के हैं।


रामजन्मभूमि परिसर में विक्रमादित्य युग के मंदिर के साथ कई अन्य मंदिरों के अवशेष दफन होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। इस परिसर में राम मंदिर के अलावा कई अन्य देवी-देवताओं के प्राचीन-पौराणिक मंदिर सहित उन आधा दर्जन मंदिरों के अवशेष भी समाहित हैं, जिन्हें 27 वर्ष पूर्व सही-सलामत अधिग्रहीत कर 67.77 एकड़ के परिसर में शामिल किया गया था।

जल्द ही खुलेगा राम मंदिर ट्रस्ट कार्यालय!

अयोध्या में जल्द ही राममंदिर ट्रस्ट का कार्यालय भी खुल जाएगा। रामजन्मभूमि परिसर के पास राम कचहरी मंदिर में ट्रस्ट के कार्यालय का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। संचालन के लिए कंप्यूटर और दूसरी जरूरी चीजें आ चुकी हैं। कार्यालय में केवल फिनिशिंग का काम बाकी है। इसी कार्यालय में बैठकर ट्रस्टी आगे की रूपरेखा तय करेंगे। गौरतलब हो कि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी यह खुदाई पर सिंहद्वार और स्तंभों के पाए जाने की बात कही थी। अतः इन अवशेषों को इसी बात से जोड़कर देखा जा रहा है।

-ओंकार पाण्डेय की रिपोर्ट!


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