जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही बौखलाया चीन, अब भारत करेगा बड़ा बदलाव।
जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले ही बौखलाया चीन, अब भारत करेगा बड़ा बदलाव।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनातनी जारी है। भारत अपने इलाके में जब कोई निर्माण करता है, तो चीन परेशान हो उठता है। श्रीनगर और लेह के बीच 'जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट' (11,578 फुट की ऊंचाई पर) को मंजूरी मिली तो चीन ही नहीं, बल्कि उसके पड़ोसी दोस्त पाकिस्तान के भी पसीने छूट गए थे।
इस प्रोजेक्ट में भारत अब कई बड़े बदलाव करेगा। नए सिरे से इसका टेंडर जारी किया जाएगा। सामरिक विशेषज्ञों के अनुसार, चीन का प्रयास है कि मौजूदा गतिरोध के चलते भारतीय सीमा में हो रहे निर्माण कार्य बंद हो जाएं।
दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क पर भारत ने तेजी से काम शुरू किया है। जब यह सड़क बनकर तैयार होगी तो भारत को इसका बड़ा फायदा मिलेगा। सड़क के बीच में हो रहे पुल निर्माण को लेकर चीन खासा भयभीत है।
रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल के मुताबिक, लद्दाख में इस गतिरोध के पीछे चीन की मंशा है कि वह यहां पर अपना प्रभाव जताना चाहता है। दूसरा, मकसद यह है कि चीन भारत को दरबूक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क को पूरा करने से रोकना चाह रहा है।
चीन इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि यह सड़क भारत को सामरिक महत्व के हिसाब से बढ़त दिला सकती है। इसके चलते भारतीय फौजों की आवाजाही और साजो-सामान पहुंचना आसान हो जाएगा।
जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट से भी चीन घबराया हुआ है। वह समझ रहा है कि इससे भारत उसे आंख दिखाने की स्थिति में आ सकता है। हालांकि भारत ने पहले कभी जंग की शुरुआत नहीं की। हमारी फौज सदैव अपनी सीमा के भीतर रह कर गश्त करती है।
अब चीन को लग रहा है कि जोजिला सुरंग और दौलत बेग ओल्डी सड़क प्रोजेक्ट तो उसके लिए खतरा हैं, इसलिए वह लद्दाख में जानबूझकर गतिरोध पैदा कर रहा है। भारत के पास आज यह क्षमता है कि वह चीन की ऐसी किसी भी हरकत का जवाब दे सकता है। चीन हथियाने की नीति पर काम कर रहा है सहगल के अनुसार, चीन ने भारत के सामने 5000 सैनिक तैनात कर दिए हैं। भारत ने भी उतने ही पैमाने पर उत्तराखंड और लद्दाख में सैनिक तैनात कर दिए हैं। चीन कहता है कि भारत इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण बंद कर दे।
भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपना निर्माण कार्य जारी रखेगा। चीनी सैनिकों ने गलवान नाला एरिया में भी डेरा डाला हुआ है। चीन की तरफ सड़क निर्माण हो रहा है। भारत की ओर जब चीन की गतिविधियों को लेकर एतराज जताया जाता है तो वह कोई सुनवाई नहीं करता।
भारतीय सीमा में एक-एक इंच कर आगे बढ़ना चीन की पुरानी आदत है। डोकलाम विवाद भी चीन की एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा था। चीन ने भारत को युद्ध के लिए उकसाया, लेकिन भारत ने कूटनीतिक तरीके से उस विवाद को सुलझा लिया था। पीएम मोदी ने रखी थी इस सुरंग की आधारशिला केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 जनवरी 2018 को श्रीनगर से लेह के बीच जोजीला सुरंग के निर्माण कार्य को मंजूरी दी थी। पीएम मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। इस प्रोजेक्ट के तहत 14.14 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जाना है।
सात वर्ष में पूरी होने वाली इस सुरंग की लागत 6,809 करोड़ रुपये तय की गई थी। इसे जोजिला सुरंग का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित 'जोजिला पास' के निकट बनाए जाएगी।
जनवरी में बुनियादी ढांचा फर्म 'आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क' को यह परियोजना पूरा करने का टेंडर दिया गया। हालांकि किसी वजह से काम शुरू नहीं हो पाया। अब दोबारा से टेंडर जारी होगा।
बता दें कि हर साल दिसंबर से लेकर अप्रैल मई तक इस इलाके में भारी बर्फबारी व हिमस्खलन होता है। इस वजह से लद्दाख क्षेत्र का संपर्क श्रीनगर से कट जाता है। जोजिला सुरंग तैयार होने के बाद इस मार्ग पर रोजाना वाहनों की आवाजाही संभव हो जाएगी।
जोजिला सुरंग एनएच-1ए के 95 किलोमीटर वाले मील पत्थर को 118 किलोमीटर मील पत्थर के साथ सीधे जोड़ देगी। इस सुरंग को एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग बताया जा रहा है। मौजूदा प्रोजेक्ट के तहत इस सुरंग को दो लेन वाली दो तरफा सिंगल ट्यूब के डिजाइन से बनाया जाना था।
अब इस परियोजना में कुछ तकनीकी बदलाव करने पर विचार हो रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, इस सुरंग में डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है। यह सब सुरंग निर्माण की लागत को कम करने के लिए किया जा रहा है। जो नए बदलाव होंगे, उनमें सामरिक जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा।
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