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यूपी में 45 फीसदी गिरा पीवीवीएनएल का राजस्व, बिल जमा करने से कतरा रहे उपभोक्ता, कनेक्शन कटने का नहीं डर।

यूपी में 45 फीसदी गिरा पीवीवीएनएल का राजस्व, बिल जमा करने से कतरा रहे उपभोक्ता, कनेक्शन कटने का नहीं डर।

यूपी में 45 फीसदी गिरा पीवीवीएनएल का राजस्व, बिल जमा करने से कतरा रहे उपभोक्ता, कनेक्शन कटने का नहीं डर।

कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन में पीवीवीएनएल का राजस्व भी लॉक होने लगा है। प्रदेश की सर्वाधिक राजस्व अर्जित करने वाली डिस्कॉम का पिछले दो महीने का राजस्व ग्राफ जमींदोज हो गया है। मार्च और अप्रैल महीने में कंपनी का राजस्व 43 फीसदी तक गिर गया है। मेरठ जोन के उपभोक्ता भी बिल देने में काफी पीछे हैं। इससे यहां का राजस्व ग्राफ भी करीब 45 फीसदी तक गिरा है।

लॉकडाउन के चलते पिछले दो महीने से पीवीवीएनएल अपने उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग आधारित बिजली बिल के बजाए पिछले तीन महीने के बिलों के आधार पर औसत बिल बनाकर उनके पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज के जरिये भेज रहा है। उपभोक्ताओं को बिजली बिल तो मिल रहे हैं, लेकिन बिल जमा बहुत कम लोग कर रहे है। इसका खामियाजा डिस्कॉम को उठाना पड़ रहा है।

कोरोना काल में राजस्व के आंकड़ों पर नजर डालें तो कंपनी को आधे से भी कम राजस्व मिल पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जहां पहले कंपनी में हर महीने बिजली बिलों से औसतन करीब 1400 करोड़ से ज्यादा की प्राप्ति होती थी वहां अब 400 करोड़ तक ही मिल पा रहे हैं।

मार्च 2019 में कंपनी को जहां 2142 करोड़ मिलें थे वहीं मार्च 2020 में 1239 करोड़ राजस्व मिला है। अप्रैल माह में तो केवल 302 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं।

मेरठ जोन के उपभोक्ता भी बिल जमा करने से कतरा रहे है।

कोरोना काल में मेरठ के उपभोक्ता भी बिल दबाने में लगे हैं। मार्च 2019 में जहां 282 करोड़ की बिलिंग हुई थी, वहीं मार्च 2020 में 153 करोड़ की बिलिंग हुई है। यानी राजस्व में 45 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। अप्रैल माह में तो केवल 37 करोड़ की ही बिलिंग हो सकी है। 

बकाये में कनेक्शन कटने का नहीं डर।

उपभोक्ताओं को कोरोना संकट काल में बिजली बकाये बिल के चलते कनेक्शन कटने का डर नहीं है। ना ही बिजली चोरी पकड़ने के लिए रेड डाली जा रही है। इसका फायदा उपभोक्ता उठा रहे है। उन्हें इसका भान नहीं है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद बकायेदारों के कनेक्शन काटने का अभियान तेजी से चलेगा। इसके साथ जितने दिन भी बिल रोकोगे उसपर उतनी ज्यादा ही पेनल्टी लगकर आएगी। 

कोरोना काल में राजस्व प्राप्ति के बोलते आंकड़े।

पीवीवीएनएल ।

मार्च 2020      मार्च 2019
123927         214243

अप्रैल 2020   अप्रैल 2019
30264            53699

मेरठ जोन के आंकड़े ।

मार्च 2020       मार्च 2019
15328             28226

अप्रैल 2020     अप्रैल 2019
3726                6716

राजस्व प्राप्ति लाख रुपये में है और आंकड़े ऊर्जा भवन से लिये गए हैं। 

क्या बोले अधिकारी।

लॉकडाउन का असर कंपनी के राजस्व पर पड़ रहा है। दो महीने में ही राजस्व घटकर करीब आधा रह गया है। निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए उपभोक्ता हर महीने समय से बिल भुगतान करें। कंपनी को बिजली खरीदने के लिये पैसा देना पड़ता है।  -अरविंद मल्लप्पा बंगारी, एमडी पीवीवीएनएल मेरठ।

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